बचपन का वादा
CHAPTER 17
निशा की मां बोलती है मुझे पता है तुमको आज कॉलेज में रुक कर असाइनमेंट बनाना है। निशा बोलती है मां लेकिन मेरा
जल्दी कंप्लीट हो जाएगा। मैं घर जल्दी आऊंगी। उनकी मां बोलती है अच्छा तुम्हारा जल्दी हो जाएगा ।मैंने सोचा कि तुम
मानवी के साथ आओगी ।निशा बोलती है टेंशन मत लो मां मानवी अपने फ्रेंड के साथ आ जाएगी। उनकी मां बोलती है तुम।
ठीक ही बोल रही हो मैं ज्यादा ही सोच रही हूं ।निशा बोलती है अच्छा मैं फोन रखती हूं ,उनकी मां बोलती है ठीक है ध्यान
रखना। फिर निशा हां बोलकर फोन रख देती है। उधर मानवी का ग्रुप मिलकर असाइनमेंट बनाने लगते हैं। मानवी शिखा और
अमन से बोलती है थैंक यू तुमने मेरे और शेखर की मदद करने के लिए यहां आज रुके हुए हो। मानवी शेखर की और इशारा
करते हुए बोलती है तुम भी कुछ कहो ।शेखर बोलता है मानवी सही बोल रही है तुम दोनों ने हमारी मदद करने के लिए रुके हुए
हो उसके लिए थैंक यू ।अमन और शिखा बोलते थैंक यू बोलने के लिए कोई जरूरत नहीं है दोस्ती कब काम आएगी दोस्त
होता ही है एक दूसरे के लिए मदद करने के लिए ना। मानवी बोलती है तुम सही बोल रहे हो लेकिन फिर भी थैंक यू। शिखा
बोलती है अब तुम एक बार आओ थैंक यू बोलोगी तो हम लोग नाराज हो जाएंगे। मनावी बोलती है अच्छा ठीक है थैंक यू नहीं
बोलेंगे। फिर कुछ घंटे बाद निशा का फोन आता है मानवी के पास। मानवी फोन उठाते हुए बोलती है क्या हुआ तुमने फोन क्यों
किया है ।निशा बोलती है वह दीदी हम लोग असाइनमेंट कंप्लीट हो गया है ।अगर आपका हो क्या होगा तो हम लोग साथ में
चले ।मनवी बोलती है हम लोग का कंप्लीट होने में थोड़ा और घंटे लगेंगे ।निशा बोलती है ज्यादा देर नहीं लगेगा तो मैं रुक
जाती हूं ।मानवी बोलती है नहीं तू घर जाओ मेरी चिंता मत करो। निशा बोलते ठीक है तुम कह रही हो तो मैं जा रही हूं। मानवी
बोलती है ठीक है मैं अब फोन रखती हूं।मानवी फोन रख देती है उधर आरव निशा को खोज रहा था। खोजने-खोजते बोलता
है आज सारे स्टूडेंट अलग-अलग क्लास में बैठे हैं पता नहीं निशा कौन सी क्लास में बैठी है अगर मैं आज उससे नहीं बात कर
सका तो मुझे दोबारा मौका भी नहीं मिलेगा ।कल मुझे शाम के फ्लैट से अबरोड भी निकालना है ।तभी उसे निशा की दोस्त
दिखती है । आरव निशा की दोस्त को रोकर पूछता है क्या तुमने निशा को देखा है उसकी दोस्त बोलता है वह तो घर के लिए
निकल गई ।हम लोग का असाइनमेंट जल्दी कंप्लीट हो गया था। तो आरव बोलता है तुमने देखा है उसे घर जाते हुए उसकी
फ्रेंड बोलती है मैं खुद देखा है क्यों कुछ काम था क्या । आरव वहां से चला जाता है उसकी फ्रेंड बोलती है अजीब लड़का था।
आरव कॉलेज के गेट पर खड़ा होता है और बोलता है मैं जल्दी से उसे फोन लगाता हूं अभी वह घर नहीं पहुंची होगी जैसे यार
फोन लगने लगता है वह पता है कि एक लंबी सी कली कर आकर उसके सामने रुकता है गाड़ी के पीछे की विंडो नीचे होता
देखा है कि उसके पापा बैठे हुए हैं तभी एक बॉडीगार्ड उतर कर बोलता है यंग मास्टर कर में चलिए बैठिए रोज जाकर चुपचाप
कार में बैठ जाता है कार स्टार्ट हो जाती अपनी स्पीड में चल रहा था कर के अंदर सन्नाटा था तभी आरव के पापा बोलते हैं
तुम्हारा साइमन कंप्लीट हो गया है आप बोलते हैं हां उसके पापा बोलते अगर हो गया हो तो आज कर अपना बैक पैक कर लो
कल तुम्हें निकालना है बोलता है लेकिन कल मुझे असाइनमेंट भी आकर जमा करना है तो आरव के पापा बोलते टेंशन मत
लो मैं टीचर से बात कर लिया है वह सब देख लेंगे और मन में सोचता है मेरा आखिरी मौका भी चला गया मैं कैसे निशा से
कांटेक्ट करो मुझे कुछ जल्दी से सोच रही होगा लेकिन मैं अभी चुप रहा था वरना पापा को शक हो जाएगा अरे बोलते हैं ठीक
है मैं घर जाकर पैक कर लूंगा उधर मानवी की सारे दोस्त मिलकर असाइनमेंट बना रहे थे तभी अमन बोलता है मुझे तो
असाइनमेंट बनाते बनाते भूखी की लग गया और किसी को भूख लगा है क्या तो तीनों बोलते है हमे भी भूख लगा है मानवी
बोलती है तुम लोग यहीं रुको मैं जाकर लेकर आता हूं तो अमन बोलता है तुम अकेले जाओगी तभी सीखा बोलती है अकेली
कहां जाएगी शेखर है ना वह चला जाएगा तो अभी मानवी शेखर की और देखने लगती है शेखर बोलता है ठीक है बताओ तुम
लोगों को क्या-क्या खाना है तो सभी अपना आर्डर दे देते हैं मानवी शेखर दोनो का ऑडर लेकर कैंटीन की और जाने लगते हैं
मालवी शेखर की और देखते हुए बोलती है मैं एक बात पूछूं बुरा तो नहीं मानोगे शेखर बोलते हैं क्या बोल तो मालूम बोलती है
आज तुम्हारी चुपचाप लग रहे कोई बात है क्या शे खर मन में बोलता है कैसे बताओ वैलेंटाइन डे आ रहा है मैंने सोचा था
वैलेंटाइन डे से पहले में निशा कीखुद से प्यार करा लूंगा लेकिन कुछ दिन से उससे बात भी नहीं हो रही है मानवी बोलती है
कहा को गए में कुछ पूछ रही हू तो शेखर बोलता कुछ नहीं बस आसिग्नेंट के बारे मैं है मानवी बोलती है टेंशन मात लो हमलोग
एक साथ का करेंगे तो असाइनमेंट जल्दी ही कंप्लीट हो जाएगा। शेखर बोलता है ठीक बोल रही हो चलो जल्दी से स्नेक्स ले
लेते हैं वरना लेट हो जाएगा फिर मानवी शेखर काउंटर में आकर ऑर्डर देने लगते हैं तभी बिल देने का टाइम आता है पास
निकाल कर पेमेंट करने लगता है तो मैं भी बोलती है तुम क्यों सबका पेमेंट कर रहे हो तो शेखर बोलता है क्यों मैं अपने दोस्तों
के लिए पेमेंट नहीं कर सकता जब मेरे दोस्त मेरा चैनल बनाने में हेल्प कर सकते हैं तो मैं उसे इतना तो कर ही सकता हूं मानवी
बोलती है मेरा ऐसा नहीं कहना है तुम सोचोगे कि हमें तुम्हारा फायदा उठा रहे हो घर बोलता है मैं तुमको कुछ जानता हूं तो मैं
ऐसा नहीं करोगे तो फिर शहर के पास से एक फोटो गिरता है शेखर को नहीं पता चलता है कि उसका परस से उसका बचपन
का फोटो गिर गया है जिसमे उसका और उसके बचपन के दोस्त की लड़की तस्वीर थी।शेखर पेमेंट करने के बाद वहा से जाने
लगता तब मानवी बोलती है तुम आगे जाओ मे बाथ रूम से आती हूँ । शेखर बोलता है आके लेकिन जल्दी आ जाना फिर
शेखर वहां से चला जाता है। मानवी जैसे ही जाने लगती है तो वो अपने पेर में कुछ महसुश करती है वो देखती है उसके पेरो मे
एक तस्वीर चिपका हुआ है वह बोलती है ये किसका है लगता है शेखर का है देखती हूँ किसकी तस्वीर है जैसे ही वो तस्वीर
देखतीहै तो वो हैरान हो जाती है और उसके ऑखो से आँसु आने लगते है। वो बस तस्वीर को ऐसे ही देख रही थी और फीर
बोलती है ये तो मेरे बचपन का फोटो है जिसमे में और वह लड़का है । इसका मतलब शेखर ही मेरा ...................................
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जल्दी कंप्लीट हो जाएगा। मैं घर जल्दी आऊंगी। उनकी मां बोलती है अच्छा तुम्हारा जल्दी हो जाएगा ।मैंने सोचा कि तुम
मानवी के साथ आओगी ।निशा बोलती है टेंशन मत लो मां मानवी अपने फ्रेंड के साथ आ जाएगी। उनकी मां बोलती है तुम।
ठीक ही बोल रही हो मैं ज्यादा ही सोच रही हूं ।निशा बोलती है अच्छा मैं फोन रखती हूं ,उनकी मां बोलती है ठीक है ध्यान
रखना। फिर निशा हां बोलकर फोन रख देती है। उधर मानवी का ग्रुप मिलकर असाइनमेंट बनाने लगते हैं। मानवी शिखा और
अमन से बोलती है थैंक यू तुमने मेरे और शेखर की मदद करने के लिए यहां आज रुके हुए हो। मानवी शेखर की और इशारा
करते हुए बोलती है तुम भी कुछ कहो ।शेखर बोलता है मानवी सही बोल रही है तुम दोनों ने हमारी मदद करने के लिए रुके हुए
हो उसके लिए थैंक यू ।अमन और शिखा बोलते थैंक यू बोलने के लिए कोई जरूरत नहीं है दोस्ती कब काम आएगी दोस्त
होता ही है एक दूसरे के लिए मदद करने के लिए ना। मानवी बोलती है तुम सही बोल रहे हो लेकिन फिर भी थैंक यू। शिखा
बोलती है अब तुम एक बार आओ थैंक यू बोलोगी तो हम लोग नाराज हो जाएंगे। मनावी बोलती है अच्छा ठीक है थैंक यू नहीं
बोलेंगे। फिर कुछ घंटे बाद निशा का फोन आता है मानवी के पास। मानवी फोन उठाते हुए बोलती है क्या हुआ तुमने फोन क्यों
किया है ।निशा बोलती है वह दीदी हम लोग असाइनमेंट कंप्लीट हो गया है ।अगर आपका हो क्या होगा तो हम लोग साथ में
चले ।मनवी बोलती है हम लोग का कंप्लीट होने में थोड़ा और घंटे लगेंगे ।निशा बोलती है ज्यादा देर नहीं लगेगा तो मैं रुक
जाती हूं ।मानवी बोलती है नहीं तू घर जाओ मेरी चिंता मत करो। निशा बोलते ठीक है तुम कह रही हो तो मैं जा रही हूं। मानवी
बोलती है ठीक है मैं अब फोन रखती हूं।मानवी फोन रख देती है उधर आरव निशा को खोज रहा था। खोजने-खोजते बोलता
है आज सारे स्टूडेंट अलग-अलग क्लास में बैठे हैं पता नहीं निशा कौन सी क्लास में बैठी है अगर मैं आज उससे नहीं बात कर
सका तो मुझे दोबारा मौका भी नहीं मिलेगा ।कल मुझे शाम के फ्लैट से अबरोड भी निकालना है ।तभी उसे निशा की दोस्त
दिखती है । आरव निशा की दोस्त को रोकर पूछता है क्या तुमने निशा को देखा है उसकी दोस्त बोलता है वह तो घर के लिए
निकल गई ।हम लोग का असाइनमेंट जल्दी कंप्लीट हो गया था। तो आरव बोलता है तुमने देखा है उसे घर जाते हुए उसकी
फ्रेंड बोलती है मैं खुद देखा है क्यों कुछ काम था क्या । आरव वहां से चला जाता है उसकी फ्रेंड बोलती है अजीब लड़का था।
आरव कॉलेज के गेट पर खड़ा होता है और बोलता है मैं जल्दी से उसे फोन लगाता हूं अभी वह घर नहीं पहुंची होगी जैसे यार
फोन लगने लगता है वह पता है कि एक लंबी सी कली कर आकर उसके सामने रुकता है गाड़ी के पीछे की विंडो नीचे होता
देखा है कि उसके पापा बैठे हुए हैं तभी एक बॉडीगार्ड उतर कर बोलता है यंग मास्टर कर में चलिए बैठिए रोज जाकर चुपचाप
कार में बैठ जाता है कार स्टार्ट हो जाती अपनी स्पीड में चल रहा था कर के अंदर सन्नाटा था तभी आरव के पापा बोलते हैं
तुम्हारा साइमन कंप्लीट हो गया है आप बोलते हैं हां उसके पापा बोलते अगर हो गया हो तो आज कर अपना बैक पैक कर लो
कल तुम्हें निकालना है बोलता है लेकिन कल मुझे असाइनमेंट भी आकर जमा करना है तो आरव के पापा बोलते टेंशन मत
लो मैं टीचर से बात कर लिया है वह सब देख लेंगे और मन में सोचता है मेरा आखिरी मौका भी चला गया मैं कैसे निशा से
कांटेक्ट करो मुझे कुछ जल्दी से सोच रही होगा लेकिन मैं अभी चुप रहा था वरना पापा को शक हो जाएगा अरे बोलते हैं ठीक
है मैं घर जाकर पैक कर लूंगा उधर मानवी की सारे दोस्त मिलकर असाइनमेंट बना रहे थे तभी अमन बोलता है मुझे तो
असाइनमेंट बनाते बनाते भूखी की लग गया और किसी को भूख लगा है क्या तो तीनों बोलते है हमे भी भूख लगा है मानवी
बोलती है तुम लोग यहीं रुको मैं जाकर लेकर आता हूं तो अमन बोलता है तुम अकेले जाओगी तभी सीखा बोलती है अकेली
कहां जाएगी शेखर है ना वह चला जाएगा तो अभी मानवी शेखर की और देखने लगती है शेखर बोलता है ठीक है बताओ तुम
लोगों को क्या-क्या खाना है तो सभी अपना आर्डर दे देते हैं मानवी शेखर दोनो का ऑडर लेकर कैंटीन की और जाने लगते हैं
मालवी शेखर की और देखते हुए बोलती है मैं एक बात पूछूं बुरा तो नहीं मानोगे शेखर बोलते हैं क्या बोल तो मालूम बोलती है
आज तुम्हारी चुपचाप लग रहे कोई बात है क्या शे खर मन में बोलता है कैसे बताओ वैलेंटाइन डे आ रहा है मैंने सोचा था
वैलेंटाइन डे से पहले में निशा कीखुद से प्यार करा लूंगा लेकिन कुछ दिन से उससे बात भी नहीं हो रही है मानवी बोलती है
कहा को गए में कुछ पूछ रही हू तो शेखर बोलता कुछ नहीं बस आसिग्नेंट के बारे मैं है मानवी बोलती है टेंशन मात लो हमलोग
एक साथ का करेंगे तो असाइनमेंट जल्दी ही कंप्लीट हो जाएगा। शेखर बोलता है ठीक बोल रही हो चलो जल्दी से स्नेक्स ले
लेते हैं वरना लेट हो जाएगा फिर मानवी शेखर काउंटर में आकर ऑर्डर देने लगते हैं तभी बिल देने का टाइम आता है पास
निकाल कर पेमेंट करने लगता है तो मैं भी बोलती है तुम क्यों सबका पेमेंट कर रहे हो तो शेखर बोलता है क्यों मैं अपने दोस्तों
के लिए पेमेंट नहीं कर सकता जब मेरे दोस्त मेरा चैनल बनाने में हेल्प कर सकते हैं तो मैं उसे इतना तो कर ही सकता हूं मानवी
बोलती है मेरा ऐसा नहीं कहना है तुम सोचोगे कि हमें तुम्हारा फायदा उठा रहे हो घर बोलता है मैं तुमको कुछ जानता हूं तो मैं
ऐसा नहीं करोगे तो फिर शहर के पास से एक फोटो गिरता है शेखर को नहीं पता चलता है कि उसका परस से उसका बचपन
का फोटो गिर गया है जिसमे उसका और उसके बचपन के दोस्त की लड़की तस्वीर थी।शेखर पेमेंट करने के बाद वहा से जाने
लगता तब मानवी बोलती है तुम आगे जाओ मे बाथ रूम से आती हूँ । शेखर बोलता है आके लेकिन जल्दी आ जाना फिर
शेखर वहां से चला जाता है। मानवी जैसे ही जाने लगती है तो वो अपने पेर में कुछ महसुश करती है वो देखती है उसके पेरो मे
एक तस्वीर चिपका हुआ है वह बोलती है ये किसका है लगता है शेखर का है देखती हूँ किसकी तस्वीर है जैसे ही वो तस्वीर
देखतीहै तो वो हैरान हो जाती है और उसके ऑखो से आँसु आने लगते है। वो बस तस्वीर को ऐसे ही देख रही थी और फीर
बोलती है ये तो मेरे बचपन का फोटो है जिसमे में और वह लड़का है । इसका मतलब शेखर ही मेरा ...................................
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