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"पुस्तकालय की मोहब्बत"(भाग २)
लगभग एक सप्ताह उपरांत शाहीन कालेज गई तो बेहद खुश थी तभी उसकी सहेली मैरी आ गई और उसके न आने का कारण पूछा तो शाहीन ने शुरू से लेकर सब कुछ बता दिया,बस ख्वाब वाली बात नहीं बताई दरअसल वो खुद भी वो बात भूल चुकी थी। फ्री पीरियड में वो फिर लाईब्रेरी की ओर जाने लगी।
उसने फिर कुछ पढ़ाई की किताबें ली और फिर एक जुल्फिकार की नावेल ले ली और अपना लाईब्रेरी कार्ड दिखाकर उसे दो दिन के लिए ले लिया।इधर मैरी भी आ गई। दोनों फिर क्लास में चली गई। कालेज खत्म होने के बाद मैरी ने रात के खाने पर उसे आमान्त्रित किया जिसे शाहीन ने सहर्ष ही स्वीकार कर लिया।शाम को वो मैरी के घर पहुंच गई हल्के नीले रंग के सलवार सूट में शाहीन बला की खूबसूरत लग रही थी। दरवाजा मैरी ने ही खोला। शाहीन आज पहली बार मैरी के घर आई थी इसलिए हर ओर नज़र उठाकर देख रही थी। तभी उसकी नज़र एक खूबसूरत युवक पर ठहर गई जो शाहीन को ही देख रहा था, मेरी ने उसका परिचय करवाया अरे ये है मेरे बड़े भाई हेनरी दोनों ने एक दूसरे को हैलो कहा। कुछ ही देर में मैरी की मां भी आ गई और दोनों को पीने को शर्बत दिया।
दोनों सहेलियां बैठ कर गपशप करने लगी कुछ ही देर में मां ने खाना परोस दिया तो शाहीन भी बैठ गई। मैरी की मां ने सचमुच खाना बहुत अच्छा पकाया था, उसने हर खानें की तारीफ की। खाना खाने के कुछ देर बाद शाहीन ने मैरी से विदा ली।
घर आकर जब वो बिस्तर पर लेटी तो जुल्फिकार की नोवेल पढ़ने लगीं। पढ़ते पढ़ते उसे काफी रात हो गई तो नोवेल एक तरफ़ रख कर वो सो गई। रात को फिर वही ख्वाब वो देखने लगी,इस बार जुल्फिकार उससे अपने मोहब्बत का इजहार कर रहे थे तो शाहीन ने उनसे कहा ये सच है मैं आपकी कहानियों की बेतहाशा दीवानी हूं मगर मैं आपसे मोहब्बत नहीं करती.... सुनकर जुल्फीकार गुस्से में तमतमा उठे और क्रोधित नज़रों से उसे देखने लगें कि तभी शाहीन का ख्वाब टूट गया। शाहीन पसीने से तरबतर थी वो सोच में पड़ गई कि आखिर ये चक्कर क्या है? क्यो उसे रोज जुल्फीकार रोज़ ख्वाब में आकर मिलते हैं?
दूसरे दिन उसने मैरी से सबकुछ बता दिया तो मैरी ने उससे कहा अगर तू परमेश्वर पर विश्वास करें तो आज शाम को मेरे साथ चर्च चलना। शाहीन तैयार हो गई।शाम को दोनों चर्च गई वहां ,
फादर से मैरी ने शाहीन के बारे में सबकुछ बता दिया और पूछा कि ऐसा क्यों हो रहा है?
फादर ने मैरी से कहा कि वो शाहीन से अकेले में कुछ पूछना चाहते हैं तो शाहीन तैयार हो गई। उन्होंने शाहीन के सर पर हाथ रख कर कुछ देर प्रार्थना किया और आंखें खोली फिर मैरी को अंदर बुलाया और दोनों सहेलियों से बोलें ये जुल्फिकार साहब की रूह शाहीन पर आकर्षित हो गई है क्योंकि ये उनके सभी नोवेल्स को पढ़तीं है और हद से ज्यादा इनको तवज्जो देती है। खुदा पर विश्वास करो माई चाइल्ड सब कुछ ठीक होगा। फिर उन्होंने शाहीन से कहा कल मैं तुम्हारे घर आऊंगा और सब कुछ बताऊंगा।
दूसरे दिन वो शाहीन के घर गये,इस बीच शाहीन ने अपनी अम्मी अब्बू और बहन को सबकुछ बता दिया था।
फादर ने पूरे घर में होली वाटर छिड़का और प्रार्थना करने लगे तभी उन सबको एक आवाज सुनाई देने लगी ऐ फादर क्यों मेरे और इसके बीच आ रहा है?मैं इसे बहुत पसंद करता हूं, अपने जीते जी मुझे कभी किसी की मोहब्बत हासिल नहीं हुई मगर इसने मुझसे बहुत मोहब्बत की है...... तभी शाहीन चीख उठी नहीं मैं तुमसे मोहब्बत नहीं करती मैं सिर्फ़ तुम्हारे नोवेल्स को पसंद करती थी जो तुम्हें मोहब्बत लगी। तभी पूरे कमरे में धुआं धुआं सा हो गया तभी फादर ने प्रार्थना किया और होली वाटर छिड़का जिससे रूह जोर जोर से चिल्लाने लगी रूक जाओ प्रार्थना मत करो, तो येशु के नाम से इसे छोड़कर और लाइब्रेरी को छोड़कर सदा के लिए चला जा फादर ने कहा तो रूह ने वादा किया और कुछ देर में ही सबकुछ ख़ामोश हो गया और धुआं भी गायब हो गया। मैरी ने शाहीन को बांहों में भर‌ लिया। सबने फादर का बहुत धन्यवाद किया तो वो बोलें मैंने कुछ नहीं किया है जो किया है वो मेरे प्रभु ने किया है।
शाहीन को अब ख्वाब आना बंद हो गये। अब शाहीन ने जुल्फिकार के नोवेल्स से तौबा कर‌ लिया। बाद में मैरी के साथ साथ शाहीन की मित्रता हेनरी से भी हो गई जो बाद में मोहब्बत में तब्दील हो गई और दोनों ने धर्म से परे एक नई शुरुआत की और शाहीन ने एक मुस्लिम होकर भी एक क्रिश्चियन से विवाह कर लिया और दोनों सुखी जीवन व्यतीत करने लगें।(समाप्त) लेखन समय- 4:20 - शुक्रवार
दिनांक - 17.5.24
© Deepa🌿💙