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सुनसान घर
#जंगल
मैंने कहा था स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है। सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा। उफ्फ नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा।
चलों अब हम देखते हैं कोई आसपास होगा हमने पहाड़ी का नीचे जाने वाला रास्ता चुना था
शायद कोई घर मिल जाए और हम रात भर रुक कर सुबह होने पर
आगे देखा जाएगा, चंद क़दम के बाद हमें कोई एक घर मिला, हमें देखते ही दरवाजा बंद कर दिया
हमने कहा कि हम नुकसान नहीं पहुंचाने नहीं आएं हमारी गाड़ी ख़राब हो गई है सिर्फ हमें मदद चाहिए, दरवाजा खुला था एक गांव की लड़की थी और छरहरी काया तीखे नैनो की अदाओं में
को ढककर रखें , हमसे कहने लगी ठीक है हम मदद करेंगे सिर्फ जंगल है इसलिए रूकने की, यहां आपकी गाड़ी के लिए कोई मदद नहीं मिलेगी, हमने कहा कि बस हमें रात भर रुकने को मिल जाए यह बड़ी बात है
हमने तो यह पूछा भी घर में कौन कौन है, सर्द हवाओं में यूं बसें ख्याब़ जैसे हम दोनों दोस्त सो गये
वैसे रात के ख्यालों से डर लगता है
अगर मैं ज्यादा सोचु तो शायद सो न पाऊं,बस किसी तरह यह काली रात कट जाएं तो ठीक है
और इसी उधेड़बुन में सुबह हो गई
हमने सोचा कि चाय वाय कुछ
मिलेगा , पर यहां वहां देखने के बाद
घर में कोई नहीं था हमने आवाजें
लगाई कि हम जा रहें हैं पर कोई नहीं था,बस मैं काफी परेशान था
वो लड़की कहा गई हमें इजाज़त लेकर निकलना चाहिए, कोई नहीं आया वहां पर, हम चल पड़े अपनी कार की तरफ़, तभी एक आदमी नज़र आया, हमने पूछा वहां एक घर है
उस लड़की को धन्यवाद कहना चाहता है पर दिखाई नहीं दे रही है
कौनसा घर है हमने इशारा में बताया पहाड़ी के नीचे वाला घर
अचानक उस आदमी की धड़कनें तेज होने लगी थी अरे वो बरसों से खाली वीरान है आप ने किसी को देखा, हमने बताया एक लड़की को,,सब कुछ अब समझ आ गया
धीरे धीरे, बस उसने हमारी मदद की , वो कौन थी हमारी
आंखों में कई सवाल लिए हम चल पड़े, मगर वो ज़हन से बातें निकल नहीं रही।