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"मंडप"
शादी की हलचल से घर पूरा भरा हुआ था मगर कुसुम कहीं खोई हुई थी कहा खोई हुई थी कुसुम ये जानने के लिए पाठकों को कुछ वर्ष पीछे जाना होगा।
आज से १४वर्ष पहले कुसुम और विनोद की धूम धाम से शादी हुई थी। विनोद एक मध्यम वर्गीय साधारण सा युवक था कुसुम विनोद की इसी सादगी को पसंद करती थी।एक दिन विनोद जब आफिस के लिए निकल रहा था तो कुसुम विनोद के आलिंगन से बंध गई, दोनों का नया नया विवाह हुआ था अतः दोनों ही बहकने लगे और एक दूसरे से लिपट गए दोनों एक दूसरे को खूब प्यार करने लगें मगर अंत में आकर विनोद शिथिल हो गया और कुसुम अधूरी ही रह गई। ऐसा क्ई बार हुआ था इसलिए अब कुसुम विनोद से दूरी बनाने लगी थी उधर विनोद भी कुसुम से नज़रे चुराने लगा था।
देखते ही देखते दोनों के विवाह को एक वर्ष हो गए थे। अबकी जब नागपुर से मां बाबूजी आए तो सासुमा तो पोते की ज़िद लेकर बैठ गई अब दोनों क्या बताते मां को सो मुस्कुरा कर रह गए।
विनोद कुसुम के सामने बहुत शर्मिंदगी महसूस करता था लेकिन कुसुम उसे दिलासा देती रहती, फिर एक दिन दोनों डाक्टर के पास गए। डाक्टर ने पूरी बात सुनी और कुछ टेस्ट लिख कर दिए हर टेस्ट नार्मल आई तो डाक्टर ने कुसुम को ही सूझबूझ से काम लेने को कहा।
कुसुम घर में बोर हो जाती थी तो उसने जौब करने की सोची और घर से कुछ ही दूर पर एक स्कूल में पढ़ाने लगी। धीरे-धीरे कुसुम को अब अच्छा लगने लगा।एक दिन वो क्लास में बच्चों का टेस्ट ले रही थी तो मोहित कुछ लिख नहीं पा रहा था कुसुम ने मोहित के सिर पर प्यार से हाथ फेरा और कहां क्या हुआ बेटा तुम कुछ लिखते क्यों नहीं तो वो लगभग रोते हुए बोला कल मम्मी पापा की लड़ाई हो गई थी इसलिए कुछ याद नहीं कर पाया। कुसुम मन ही मन बड़बड़ाने लगी कैसे मां बाप है खुद ही लड़ने में व्यस्त हैं बच्चों के लिए कोई समय नहीं।
कुछ दिनों बाद पेरेंट्स टीचर्स मीटिंग थी तो कुसुम ने सोच लिया था कि आज वो मोहित के मंमी पापा से साफ कह देंगी यदि बच्चों पर ध्यान देना नहीं आता तो मत भेजें उन्हें स्कूल।
कुछ ही देर में मोहित अपने पापा के साथ कक्षा में आया तो कुसुम मोहित के पापा को देखती ही रह गई वो एक सुदर्शन युवक थे।जब मोहित के पापा ने उससे मोहित के बारे में पूछा तो वो अचकचा सी गई और मोहित के बारे में धीरे-धीरे सब बोलने लगी तो उसके पापा ने बस उदास लफ़्ज़ों में कहा कि काश हर कोई ये समझ सकता खैर कुसुम से कुछ एक बातें करके वो नमस्कार करके चले गए।
कुसुम को समझते देर नहीं लगी कि घर में जरूर कोई मसला है।एक दिन मोहित स्कूल नहीं आया उस दिन सबका सरप्राइज टेस्ट था तो कुसुम ने दिए गए नंबर पर कॉल किया तो उधर से मोहित के पापा ने कौल रिसिव किया उनकी आवाज़ थोड़ी भर्राई हुई सी लगी कुसुम को उन्होंने बस इतना कहा कि आज मोहित की तबीयत ठीक नहीं है इसलिए नहीं आ पाया स्कूल कल जरूर जायेगा स्कूल।
कुसुम को ये बात बहुत रहस्यमयी सी लगी। आखिर क्यों मोहित स्कूल नहीं आ पाया था और मोहित के पापा की आवाज़ क्यों इतनी दर्द भरी लगी कुसुम को जानने के लिए पढ़ें इस कहानी का अगला भाग।


© Deepa🌿💙