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शर्त
#शर्त
चंदन को शर्त लगाना और फिर उसे जीतना बहुत पसंद था। हर बात पर शर्त लगाना उसकी आदत में शुमार हो गया था। इसलिए चंदन को लोग शर्तिया चंदन कह कर बुलाते थे। आज फिर उस ने शर्त लगाई थी आनंद से कि वह बड़ी हवेली के बगीचे से दस आम तोड़ के लायेगा।
फिर क्या चल दिया बगीचे मे आम लाने
लेकिन बगीचे कि रखवाली जो माली करता था वो थे हमारे रामु काका जो बड़े प्यार से बैठा कर हर एक बात समझाते थे।
कि बेटा चोरी नहीं करते!
सही रहो चाहे तुम कही रहो,
एक भी आम किसी को तोड़ने नहीं देते थे।
जब हम बच्चों को जो आम पक कर गिर जाता था बोलते थे आओ बेटा
जाने दो यह सब बाते चंदन की बात करते हैं
अब बारिश का मौसम आने हि वाला था और हमारे रामु काका शितल हवा चल रही थी तो वही चारपाई लगा के सो रहे थे।
आनंद भी तो देखें कैसे जीतता है आज उससे फिर चला चंदन आम के बगीचों मे
चढ़ गया आम के पेड़ पर तोड़ कर नीचे गिरता और गिरा हुआ आम राहुल कुछ खाता और कुछ दिवार के बाहेर भी गिरा देता शिवम के लिए
राहुल जो चंदन का दोस्त था वह आम के पेड़ के नीचे और शिवम दिवार के बाहर रखवाली कर रहा था। कोई जो आए बता दिया जाए ।
और आनंद को काका जानते थे।
वह आम के बगीचे की दिवार के ही पास खड़े होकर बस देख रहा था और सयम तो देखो हवा के एक तेज झोंके से डालिया झूम उठी तभी ऊपर से एक आम रामु काका के ऊपर आ गिरा काका जग गए
आनंद तो देखते ही धीरे से निकल गया यह कह कर चंदन को बोल देना की तुम जीत गए मिलते है वही जहा सभी मिलकर क्रिकेट खेलते थे।
फिर क्या था ईधर चंदन आम तोड़ने और खाने मे मस्त था।
तभी काका देख लिया और दबे पाँव चले गए पिछे से वही राहुल को पकड़ लिया और बोला क्या कर रहे हो।
रुको अभी बताते है,
राहुल , चंदन कि जमकर क्लास लिया काका ने
फिर घर पे अलग उस दिन के बाद फिर कभी चंदन शर्त नहीं लगता था।
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© __jitu ji ❣️___