घना जंगल और खौफ
#जंगल
मैंने कहा था स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है। सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा। उफ्फ नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा। जिससे हम मदत की कोई उम्मीद कर सकें।
रवि ने अपने सर को पकड़ते हुए कहा अरे यार कहाँ फस गए तू न बस हर बात को सर मत्थे दे तू भी तो कर सकता था,
सुदीप :- देख मेरा दिमाग वैसे ही खराब हो रहा है अब तू और मत खराब कर
रवि :- हां यार अब हम घर कैसे पपहुचेगें
(रवि और सुदीप दोनों हीअच्छे दोस्त हैं दरअसल दोनों देर रात पार्टी से लौट रहे थे की अचानक उनकी गाडी ख़राब हो गई घना जंगल सुनसान रास्ता उन दोनों के अलावा कोई नहीं ऐसे में डर लगना स्वाभाविक है और डर लगे भी क्यू ना रात के अंधेरे में अपनी परछाई भी भूत दिखती है )
सुदीप :- चल आगे तक देख कर आते है शारद कोई दिख जाए
रवि :- हकलाते हुए छ छ छ छोड यार हम गाड़ी में बैठते हैं आगे जाना और खतरनाक हो सकता है पता नहीं क्या हो जंगल में कहीं कोई भूत चुड़ैल हुई तो ,नहीं नहीं हम सुबह होने का इंतज़ार करेंगे
सुदीप :- एक तो खुद डर रहा है उपर से मुझे भी डरा रहा है चल चुप चाप
( डरते डरते दोनों आगे बडते हैं की तभी जंगल की चुप्पी को तोडते हुए एक तेज आवाज आती है जिसे सुन कर दोनों बुरी तरह डर जाते हैं खैर वो सब झाड़ियों के हिलाने की आवाज थी जो आचानक से हुई तेज हवा से हिलने लगी थी दोनों हिम्मत बांध कर आगे बडते है)
रवि :- अरे यार बुरे फसे कोई तो दिखे मुझे तो नहीं लगता यहाँ कोई मिलेगा
( तब तक शराब में बुत्त एक अधेड़ उम्र का आदमी कुछ गुनगुनाते हुए उनकी ओर ही आ रहा था एक हाथ में फोन जिसकी टॉर्च आॅ न थी और दूसरे हाथ में थैली जिसमे कुछ खाने की चीजे थी उसे आता देख रवि और सुदिप दोनों को जैसे नई जिंदगी मिल गई दोनों ने उसे रोक के अपनी बातें बताई तो वो उन्हें आपने साथ लेके जाने लगा बोला की मैं भी इसी डर शराब पी कर आता हूँ जब रात को इधर से गुजरना पडता है उसने कहा चलो यही पास में मेरा घर है रात वहा बिता कर सुबह में निकल जाना दोनों उसकी बात से सहमत हो गए और साथ चल दिये उसके घर पहुंच कर दोनों ने राहत की सांस ली उसके घर में उसकी पत्नी और १० साल की एक बच्ची थी सब ने खाना खाया और तीनों लड़के एक साथ सोने को लेटे रवि और सुदीप को नींद नहीं आ रही थी वही जंगल याद आ रहा था तभी)
रवि शराबी से :- सुनिये उस जंगल की क्या स्टोरी है तुम शराब पी कर क्यूँ वहाँ से निकलते हो
शराबी :- डर को कम करने के लिए आखिर इतने खौफनाक रास्ते से जो गुज़रता हूँ
रवि:-खौफ़नाक क्या है ऐसा उस जंगल में
सुदीप :- बताइए न वो जंगल इतना अजीब क्यूँ है वहां बहुत ही ठंड का अनुभव भी हो रहा था
शराबी :- हूं ......... जहाँ कुछ अनदेखी ऐनर्जी होती हैं वहां ऐसा ही होता है मैने सुना है उस जंगल में अगर कोई १२ बजे तक पहुँच जाए तो वो जिंदा वापस नहीं लौटता तुम लोग किस्मत वाले हो जो समय से मेरे साथ उस जंगल से निकल आये वहां एक भटकती रूह रहती है जो रात को वहां जाने वाले सभी को मौत के घाट उतार देती है इतना कह कर वो शराबी सो जाता है और वो दोनो भी कुछ देर बाद सो जाते हैं नींद में दोनों को वही जंगल सपने में दिखता है वो देखते हैं वो फिर उसी जंगल में जा फंसे है और जंगल में घना कोहरा छाया हुआ है जिसकी वजह से कुछ साफ नही दिख रहा ठंड बडती जा रही हैं और तब तक उन्हें किसी की चीख सुनाई देती हैं जब वो उस चीख के पास जा कर देखते हैं तो उनको वो ही जमीन पर मरे पडे दिखते है और फिर उनकी सव अचानक से हसने लगती है
और डर के मारे उनकी आख खुल जाती है वो देखते हैं सुबह हो चुकी है और वो शराबी बोलता है की तुम्हारी कार ठीक करा दी है अब से उस रास्ते पर रात को मत निकलना दोनों सुन कर बहुत खुश हो गए और बोले अब तो सपने में भी नहीं उसका धन्यवाद बोल कर वहा से निकल गए घर पहुंच कर बहुत खुश हुऍ और देर रात सफर ना करने के लिए कसम खाई
पर वो खौफ़नाक सफर अब भी उनके जहेन में डर का कारण बन कर रह गई
कहानी पड कर कमियां जरूर बताइए आलोचको का स्वागत है 🙏🙏
© Rupali Shrivastav
मैंने कहा था स्पेयर टायर चेक करवा लेना निकलने से पहले, लेकिन तुम को तो बस हर बात मज़ाक लगती है। सुदीप ने गुस्से में झुंझलाते हुए रवि से कहा। उफ्फ नेटवर्क भी नहीं है मोबाइल में और इस घने जंगल में कोई दिख भी नहीं रहा। जिससे हम मदत की कोई उम्मीद कर सकें।
रवि ने अपने सर को पकड़ते हुए कहा अरे यार कहाँ फस गए तू न बस हर बात को सर मत्थे दे तू भी तो कर सकता था,
सुदीप :- देख मेरा दिमाग वैसे ही खराब हो रहा है अब तू और मत खराब कर
रवि :- हां यार अब हम घर कैसे पपहुचेगें
(रवि और सुदीप दोनों हीअच्छे दोस्त हैं दरअसल दोनों देर रात पार्टी से लौट रहे थे की अचानक उनकी गाडी ख़राब हो गई घना जंगल सुनसान रास्ता उन दोनों के अलावा कोई नहीं ऐसे में डर लगना स्वाभाविक है और डर लगे भी क्यू ना रात के अंधेरे में अपनी परछाई भी भूत दिखती है )
सुदीप :- चल आगे तक देख कर आते है शारद कोई दिख जाए
रवि :- हकलाते हुए छ छ छ छोड यार हम गाड़ी में बैठते हैं आगे जाना और खतरनाक हो सकता है पता नहीं क्या हो जंगल में कहीं कोई भूत चुड़ैल हुई तो ,नहीं नहीं हम सुबह होने का इंतज़ार करेंगे
सुदीप :- एक तो खुद डर रहा है उपर से मुझे भी डरा रहा है चल चुप चाप
( डरते डरते दोनों आगे बडते हैं की तभी जंगल की चुप्पी को तोडते हुए एक तेज आवाज आती है जिसे सुन कर दोनों बुरी तरह डर जाते हैं खैर वो सब झाड़ियों के हिलाने की आवाज थी जो आचानक से हुई तेज हवा से हिलने लगी थी दोनों हिम्मत बांध कर आगे बडते है)
रवि :- अरे यार बुरे फसे कोई तो दिखे मुझे तो नहीं लगता यहाँ कोई मिलेगा
( तब तक शराब में बुत्त एक अधेड़ उम्र का आदमी कुछ गुनगुनाते हुए उनकी ओर ही आ रहा था एक हाथ में फोन जिसकी टॉर्च आॅ न थी और दूसरे हाथ में थैली जिसमे कुछ खाने की चीजे थी उसे आता देख रवि और सुदिप दोनों को जैसे नई जिंदगी मिल गई दोनों ने उसे रोक के अपनी बातें बताई तो वो उन्हें आपने साथ लेके जाने लगा बोला की मैं भी इसी डर शराब पी कर आता हूँ जब रात को इधर से गुजरना पडता है उसने कहा चलो यही पास में मेरा घर है रात वहा बिता कर सुबह में निकल जाना दोनों उसकी बात से सहमत हो गए और साथ चल दिये उसके घर पहुंच कर दोनों ने राहत की सांस ली उसके घर में उसकी पत्नी और १० साल की एक बच्ची थी सब ने खाना खाया और तीनों लड़के एक साथ सोने को लेटे रवि और सुदीप को नींद नहीं आ रही थी वही जंगल याद आ रहा था तभी)
रवि शराबी से :- सुनिये उस जंगल की क्या स्टोरी है तुम शराब पी कर क्यूँ वहाँ से निकलते हो
शराबी :- डर को कम करने के लिए आखिर इतने खौफनाक रास्ते से जो गुज़रता हूँ
रवि:-खौफ़नाक क्या है ऐसा उस जंगल में
सुदीप :- बताइए न वो जंगल इतना अजीब क्यूँ है वहां बहुत ही ठंड का अनुभव भी हो रहा था
शराबी :- हूं ......... जहाँ कुछ अनदेखी ऐनर्जी होती हैं वहां ऐसा ही होता है मैने सुना है उस जंगल में अगर कोई १२ बजे तक पहुँच जाए तो वो जिंदा वापस नहीं लौटता तुम लोग किस्मत वाले हो जो समय से मेरे साथ उस जंगल से निकल आये वहां एक भटकती रूह रहती है जो रात को वहां जाने वाले सभी को मौत के घाट उतार देती है इतना कह कर वो शराबी सो जाता है और वो दोनो भी कुछ देर बाद सो जाते हैं नींद में दोनों को वही जंगल सपने में दिखता है वो देखते हैं वो फिर उसी जंगल में जा फंसे है और जंगल में घना कोहरा छाया हुआ है जिसकी वजह से कुछ साफ नही दिख रहा ठंड बडती जा रही हैं और तब तक उन्हें किसी की चीख सुनाई देती हैं जब वो उस चीख के पास जा कर देखते हैं तो उनको वो ही जमीन पर मरे पडे दिखते है और फिर उनकी सव अचानक से हसने लगती है
और डर के मारे उनकी आख खुल जाती है वो देखते हैं सुबह हो चुकी है और वो शराबी बोलता है की तुम्हारी कार ठीक करा दी है अब से उस रास्ते पर रात को मत निकलना दोनों सुन कर बहुत खुश हो गए और बोले अब तो सपने में भी नहीं उसका धन्यवाद बोल कर वहा से निकल गए घर पहुंच कर बहुत खुश हुऍ और देर रात सफर ना करने के लिए कसम खाई
पर वो खौफ़नाक सफर अब भी उनके जहेन में डर का कारण बन कर रह गई
कहानी पड कर कमियां जरूर बताइए आलोचको का स्वागत है 🙏🙏
© Rupali Shrivastav