...

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हाय ये दुःख 🥺🥺🥺🥺
हाय ये दुःख खत्म क्यौ नहीं होता
सब कुछ तो छिन लिया अब क्या चाहता है

हाय ये दुःख खत्म क्यौ नहीं होता है
में ही क्यों क्या मेरे से ही बेर ज्यादा है

बहुत टुट गई हूं मैं अब कितना ज्यादा चाहता है
अब तो हर रात और दिन दुःख में कट जाते है तु

क्या चाहता है 😭😭😭😭😭😭😭😭
हाय ये दुःख खत्म क्यौ नहीं होता 🥺

बताना तो में बहुत कुछ चाहती हूं बता नही पाती
रोना में बहुत चाहती हूं रो नही पाती🥺🥺🥺

बेदर्द इस दुनिया में एक सहारा ढूंढ रही हूं
लेकिन बेदर्द ये दुनिया सिवाए दर्द के कुछ देना नही चाहती 🥺🥺🥺🥺

बेसहारो का सहारा बन जाऊं लेकिन वो लकीर मेरे हाथो में नही किसी का दर्द देख उसके दर्द को कम करूं ऐसी कोई दवा नहीं 🥺🥺🥺🥺

उम्मीद से ज्यादा उम्मीद से कम आजतक किसी को मिला भी नही हाय ये दुख खतम क्यों नही होता 🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺

दर्द नही खत्म हो सकता मेरी तकदीर बदल दे
मेरे हाथो की लकीर बदल दे बदनसीबी की तस्वीर बदल दे 🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺🥺

नही बदल सकता कुछ मेरे जिंदगी की लकीर बदल दे हाय ये दुख कम क्यों नही होता🥺🥺🥺🥺