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नियति
गौतम बुद्ध के जन्म के बाद उनके कुल गुरु ने यह भविष्यवाणी की थी
कि ये बालक बड़ा होकर या तो बहुत बड़ा राजा बनेगा या बहुत बड़ा संत
इस डर से बुद्ध के पिता ने उन्हें कभी महल की मोह माया से बाहर नहीं जाने दिया, उनके जीवन को भोग विलास में बांध दिया, उनका विवाह भी कर दिया और उन्हें एक पुत्र भी प्राप्त हुआ।
पर एक दिन बुद्ध अपने सारथी के साथ बाहर भ्रमण को गए और बाहर जाकर उन्होंने जो देखा और महसूस किया उसके बाद वो फिर कभी घर नहीं गए।
वहीं से वो स्वयं की खोज में निकल गए और अंततः वही बने जो नियति ने तय किया था..... "बुद्ध"
कहने का तात्पर्य बस इतना सा है कि कोई लाख कोशिश कर ले, सारी सुख सुविधाओं से बांध दे, रिश्तों से बांध दे पर जिसकी नियति में सब त्यागकर बुद्ध बनना लिखा होगा वो बन ही जायेगा।
© Sarika