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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 32

मानवी शेखर का हाथ हटाकर बोलती है अब तुमबोलोगे क्या हुआ तुम इतने गुस्से में क्यों दिख रहेहो और तुम मुझे यहां पर

क्यों लेकर आए हो।तोशेखर बोलता है तुम्हें पता था ना मैं निशा कोकितना प्यार करता था ।लेकिन तुमने मुझे क्यों कुछ बताया

नहीं ।तो मानवी कंफ्यूज होकर बोलती है तुम क्या बोल रहे हो मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा है ।तो शेखर  गुस्से में बोलता है 

यही कि निशा किसी और से प्यार करती है मुझे नहीं तुमने मुझे पहले क्यों नहीं बताया ।तुम्हें सब पता था लेकिन तुमने मुझे

सच बताना सही नहीं समझा और मेरे फीलिंग के साथ खेल रही थी ।मैंने सोचा तुम मेरी मदद कर रही हो लेकिन तुम तो मेरे

साथ सिर्फ खेल कर रही थी ।तुमने ऐसा क्यों किया मेरे साथ मैं तो तुम्हें एक अच्छा दोस्त समझता था। शेखर के बात सुनते ही

मानवी बोलती है मैं बताने वाली थी लेकिन मुझे मौका नहीं मिला। तो शेखर मानवी का कंधा पकड़ कर बोलता है तुम बताने

वाली थी और तुम्हें मौका नहीं मिला अगर तुम मुझे सच में बताने वाली थी ना मानवी तो तुम मुझे पहले ही सारी बाते बता देती।

ऐसे तुम झूठ तो मत बोलो। तो मानवी रोते हुए बोलती है तुम यकीन करो मैं सच बोल रही हुं।मैं तुम्हें बताने वाली थी लेकिन

कल तुम्हारी ।तो शेखर मानवी का बात काटते हुए बोलता है बस करो मानवी और कितना झूठ बोलोगी अब कोई फायदा नहीं

झूठ बोलने से ।क्योंकि निशा तो अब किसी और से प्यार करती है तुम जानती नहीं हो तुम मेरे साथ कितना गलत किया है ।मैं

निशा से बहुत पहले से प्यार करता आ रहा हूं। तुम्हें क्या पता प्यार के बारे में तुमने तो कभी किसी से प्यार किया ही नहीं होगा

।तुम्हें कैसे पता चलेगा कि कैसा लगता है जब तुम किसी और से प्यार करती हो और वह किसी और से प्यार करत होगा।

शेखर कि बात सुनते ही मानवी आंशु पोंछते हुए बोलती है ये तुम बोल रहे हो प्यार के बारे में ।तुम प्यार के बारे में जानते हैं ही

क्या हो। जब तुम्हें पता चलेगा कि प्यार क्या होता है तो यह तो कुछ नहीं है जो मैंने किया है। मैंने अपने प्यार को भूल कर

जिससे मैं प्यार करती हूं उसकी मदद की है उसका अपना प्यार को मिलने में और तुम मुझसे प्यार के बारे में बात कर रहे हो।

तुम्हें पता है मैं भी एक लड़का से प्यार करती हूं।लेकिन वो किसी और से करता है लेकिन फिर भी मैंने उसकी मदद की ।

क्योंकि मैं उससे बहुत प्यार करती हूं और मैं उस को उदास नहीं देख सकती थी इसलिए मैंने अपना प्यार भूला कर जिससे वह

प्यार करता है मैंने उसके प्यार को मिलाने में मदद की।  मैं तुम्हें सारी बात बताने वाली थी लेकिन तुम कल बीमार थे और मैं

तुम्हें यह बात बताना सही नहीं समझा क्योंकि इससे तुम्हारी तबीयत और खराब हो सकती थी । निशा ने मुझे कल यह सारी

बात बताई थी और मुझे तुम्हारे साथ खेलना होता तो मैं यह सब तुम्हारे लिए क्यों करती ।मैंने यह सब इसलिए तुम्हारे लिए

किया क्योंकि मैं तुम्हें अच्छा दोस्त समझती थी लेकिन तुम्हें तो मुझ पर भरोसा ही नहीं है। तुम्हें और निशा को मिलने में मैं

जितनी मदद करना था उतना में कर दी थी ।लेकिन तुम्हें लगता है मैं तुम्हारे साथ खेल रही थी मुझे तो लगता है तुमने ही मुझे

कभी दोस्त नहीं समझा होगा ।तुमने दोस्ती भी निशा के लिए ही मुझे किया होगा जरूर। शेखर मानवी की बात सुनकर कुछ

बोल नहीं पता है और मानवी वहां से चली जाती है शेखर बस खड़े होकर मानवी को जाते हुए देखता रहता है। उधर निशा

आरव और आरव की मां तीनों एयरपोर्ट पर थे। आरव की मां आरो से बोलती है तुम वहां अपना अच्छे से ध्यान रखना और

फोन जरूर करना। फिर निशा कि ओर देखते हुए बोलती है अब तुम निशा से बात कर लो ।वो कब से तुमसे बात करने के लिए

बैचेन हैं। आरव अपनी मां को गले लगा कर बोलता है आप भी अपना अच्छे से ध्यान रखिएगा और टाइम से दवा खाएगा और

स्ट्रेस बिल्कुल मत लीजिएगा। आरव की मां बोलती है ठीक है मैं समझ गई । अब जाओ भी निशा कब से तुम्हारा वेट कर रही

है। आरव निशा के पास जाकर  निशा के आंखों का आंसू पोंछ कर बोलता है अगर तुम ऐसे रोगी तो मैं कैसे जा पाऊंगा क्।या

तुम मुझे मुस्कुरा कर मुझे विदा नहीं करोगी। निशा अपना आंसू पोंछकर स्माइल करते हुए बोलती है अब ठीक है । आरव

निशा को गले लगा कर बोलता है तुम टेंशन मत लो मैं जल्दी अपना स्टडी कंप्लीट करके तुम्हारे पास आऊंगा और वैसे भी हम

लोग रोज वीडियो कॉल में बात तो करेंगे हीना। निशा बोलती हैं तुम मुझे वहां जाकर भूल मत जाना और किसी और को अपने

पास लाए तो मैं तुम्हें छोडूंगी नहीं ।तो आरव हंसते हुए बोलता है तुम्हारे अलावा और कौन मुझे अपना बॉयफ्रेंड बनाएगा। फिर

प्यार से बोलता है तुम टेंशन मत लो तुम्हारे अलावा मेरे दिल में कोई और जगह नहीं ले पाएगा। फिर आरव का फ्लाइट का

अनाउंस होता है तो आरव निशा को बोलता है अब मैं चलता हूं। आरव की मां दोनों के पास आते हुए बोलती है तुम जाओ मैं

नीशा का ख्याल रखेगी। आरव निशा और अपनी मां को गले से लगाकर चला जाता है.........

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© Mahiwriter