...

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एक प्रेमी के दिल की अनकही बात
मेरी प्रिय प्रेमिका....
आज मैं तुमसे एक आखिरी बार अपने दिल की बात कहना चाहता हूं... उम्मीद है कि तुम इसे सस्ता समझकर ठुकराओगी नहीं....
कुछ अरसे पहले मुझे तुमसे बेइंतहा मोहब्बत हो गई थी और खुदा की मेहरबानी थी की तुम्हें भी मोहब्बत हो गई। हम दोनों पूरी तरह से प्यार में थे पर हमारे प्यार में एक फर्क था....
मुझे तुम्हारी... सिर्फ और सिर्फ तुम्हारी चाह थी... पर तुम्हें शोहरत, दौलत,सूरत सबकी चाह थी... तुम्हें हर उस दिखने वाली चीज़ की चाह थी जिसकी वास्तव में कोई कीमत नहीं..पर महसूस होनेवाली चीजों की कोई चाह नहीं थी।
यह जानते हुए भी की तुम मुझसे प्यार नहीं करती मैंने तुम्हारी हर खुशी पूरी करने की हर कोशिश की पर अफसोस ....मैं हार गया।
आज हम एक साथ नहीं पर मैं बहुत खुश हूं तुम्हारे लिए की तुम्हारे पास वो हर चीज़ है जिससे तुम्हें प्यार था जिसकी तुम्हें चाह थी... पर अफसोस है एक बात का कि आज उस भौतिक जगत में तुम बिलकुल अकेली हो।
© Sarika