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एक दिशा पथ
तुम क्यों कहते कि तुम लायक हो जबकि सारे लोग देख रहे की तुम नालायक हो यह भी सच है कि कोई उच्च पद पर आसीन हो तो जनता जनार्दन का कर्तव्य है कि वह उस पद की गरिमा बनाए रखें इसका यह भी मतलब नहीं कि आपकी
नजरें जब उस उच्च पदस्थ की गलतियों को जान चुकी हो नज़र अंदाज़ कर दे बहूत से शालीन और सभ्य तरीके हैं
जिनसे उस पदस्थ व्यक्ति को बांधने का कार्य किया जा सके कानून के ये बंधन इमानदारी के साथ कार्यान्वयन करें तो सभी को ये नकेल पहनाई जा सकती है
पुराने समय में एक कहावत कही जाती थी कि जब गुड़ देने से कार्य सिद्ध हो सकता है तो जहर का बर्ताव क्यों करना
न जाने कहां कहां के नमुने जिनके दादा परदादा कभी रहे होंगे राजा महाराजा और निती विज्ञ किंतु ये भी जरूरी नहीं कि उसकी मिलावटी संतान सही निर्णय लेने के योग्य हो और उसे जबरन सबके सिर पर लादने की कोशिश की जावे तो क्या आपको और हमें स्वीकार कर लेना चाहिए
नहीं न मैं कह सकता हूं कि साधारण तौर पर भी कानूनी पढ़ाई करने वाले विचारको की एक श्रेणी
बनाकर, निर्धारित प्रक्रिया के द्वारा इन्हें चलाया जाये भाषा में जो क्लिष्ट और नीची सोच वाले को
बहिष्कृत कर सदन समाज और राष्ट्र की गरिमा को बढ़ाना चाहिए ।
निश्चय ही राजनीति की पढ़ाई किये बिना बेपढ़े
बिगड़ैल लोगों को देश के संचालन से कोसों दूर कर दिया जाना चाहिए ये अनर्थकारी हर बात पर तितर बटेर के उदाहरण दे देकर गरीबों का मजाक उड़ाते रहेंगे और आज नहीं तो कल देश के विध्वंस का कारण बनेंगे
बेहतर तो यही है कि समय रहते राजनीति के कानून और मर्यादा पूर्वक किये जाने वाले व्यवहारों
के लिए आज ही समय रहते परिवर्तन कर दिए जाएं....।


© सुशील पवार