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BACHPAN KA VADA
CHAPTER 22

रात का समय मानवी और उसका परिवार सारे डिनर करके अपने-अपने रूम में चले जाते हैं। मानवी जब अपने कमरे में जाती है तो निशा

को इतना चुपचाप और उदास देखकर निशा से बोलता है क्या हुआ तुम इतना उदास क्यों हो और तुमने आज अच्छे से डिनर भी नहीं किया

है। आज कुछ हुआ है क्या तुम्हारे साथ। निशा अपने बेड पर जाते हुए बोलती है कुछ नहीं और सोने का नाटक करने लगती है। मानवी निशा

को इतना उदास देखकर मन में बोलती है जरूर कुछ हुआ है। तभी उसके फोन में शेखर का मैसेज आता है। मानवी मैसेज चेक करती है तो

शेखर ने उसे कॉल करने के लिए कहा है।मानवी मैसेज में टाइप करके लिखती है नहीं मैं अभी कॉल नहीं कर सकती। इतना लिखते ही वह

शेखर के पास मैसेज सेंड कर देती है। शेखर जो मानवी का मैसेज का इंतजार कर रहा था ।मानवी का मैसेज पड़ते ही वह मानवी के पास

मैसेज भेजता है प्लीज मुझे बहुत जरूरी बात करनी है बस 2 मिनट लगेगा। मानवी फिर अपना रूम के बालकनी में जाकर शेखर के पास

फोन करती है। फिर अपने रूम में क्षाकर देखती हैं तो निशा गहरी नींद में सोई हुई थी। निशा आरव के बारे में सोच सोच कर उसे कब नींद

लग जाता उसे पता ही नहीं चलता है। शेखर मानवी का फोन उठाते हुए बोलता है थैंक यू कॉल करने के लिए । मानवी बोलती है थैंक यू

छोड़ो और बताओ तुमने कॉल क्यों किया है। शेखर मानवी से बोलता है वह कल वैलेंटाइन डे है मुझे निशा को कल ही प्रपोज करना है ।क्या

तुम मेरी मदद करोगी। इतना सुनते ही मानवी का आंखों से आंसू आ जाता है। वह कुछ बोल ही नहीं पाती है। शेखर जब देखता है कि उधर

से मानवी का आवाज नहीं आ रहा है। तो उसे लगता है कि मानवी ने फोन काट दिया है। जब वह फोन देखता है तो मानवी लाइन में ही थी।

तो वह हेलो हेलो फोन में बोलने लगता है। मानवी जब देखती है कि शेखर कॉल में उसे आवाज दे रहा है तो वह अपने आंसू पूछते हुए

बोलती है हां ठीक है तो बताओ क्या करना है। शेखर से एक पता बताता है और बोलता है कि उसे यहां कल लेकर आ जाना प्लीज।

मानवी बोलती है ठीक है अब मैं फोन रख रही हूं। हर बोलता है अरे इतना जल्दी क्या है तुम अपने फ्रेंड को गुड नाइट भी नहीं बोलोगी और

थआनक्यउ तुम मेरी इतनी मदद कर रही हो सच बताओ यहां आने पर तूनम मेरी सबसे अच्छी दोस्त बनी हो और तुम मेरी मदद भी कर रही

है मुझे अपने प्यार से मिलने के लिए। उधर मानवी शेखर के बात सुनकर उसके आंखों में आंसू आ जाता है और जल्दी से आंसू पोंछ छ कर

उसे गुड नाइट बोलकर फोन काट देती है। शेखर मानवी के बारे में सोच कर मुस्कुराने लगता है और बोलता है मुझे इग्नोर करती है लेकिन

वह मेरी मदद भी बहुत करती है सच में बहुत प्यारी लड़की है। शेखर मानवी के बारे में सोच रहा था। तो उसका दिल का धड़कन बढ़ने लगता

है ।वह अपने दिल में हाथ रखकर बोलता है यह क्या हो रहा है मुझे मेरा दिल तो जोर से धड़क क्यों रहा है। फिर वह खुद से बोलता है कल

के लिए मैं इतना खुश हूं इसलिए ऐसा हो रहा है। इतने बोलते ही वह अपने बेड पर जाकर सो जाता है। सुबह मानवी और निशा कॉलेज के

जाने का तैयारी कर रही थी।मानवी निशा से बोलती है मुझे तुम्हें कॉलेज के बाद कहीं ले जाना है क्या साथ में चलोगी। निशा बोलती है नहीं

मुझे कहीं जाने का मन नहीं है। फिर मानवी निशा का हाथ पकड़ कर अपनी तरफ घूमाते हुए बोलती है ठीक है तुम्हें नहीं जाना है तो मेरे

सवालों का साफ साफ बताओ क्या हुआ है तुम इतनी उदास क्यों है। कल से देख रही हू ना तुम अच्छे से बात कर रही हो ना ही अच्छे से

खा रही हो। निशा मन में बोलते हैं मुझे माफ कर दो दि। मैं आपको कुछ नहीं बता सकती हूं इससे अच्छा मैं आपके साथ बाहर चलने के

लिए हां कह दु।निशा झूठ बोलते हुए बोलती है कुछ नही हुआ है मैं बस एग्जाम के लिए परेशान हूं और कुछ नही । मानवी निशा को शक के

नजर से देखते हुए बोलती सच मैं यही बात हैं । निशा जुटी हसी हस्ते हुए बोलती है हा यही बात है तुम ज्यादा मत सोचो फिर बात घूमते हुए

बोलती आप कही जाने का नाम ले रही थी ना चलिए नई भी चलूंगी मेरा भी मूड तोड़ा ठीक हो जायेगा । मानवी बोलती है ठीक है । फिर वो

दोनो कॉलेज के लिए निकले जाती है । कॉलेज पहुंचते ही दोनो क्लास में जाकर बेठ जाती है । निशा कि दोस्त निशा को देखते हुए बोलती

यार तु ये रेड ड्रेस में कितना अच्छा लग रही है आज लगता सारे लड़को को मार हि डालोगी । निशा बोलती है ज्यादा मत बोलो इतना भी मे

खुबसुरत नहीं है। फिर निशा अपने सीट पर बैठते हुए आरव के बारे में सोचने लगती है और मन में बोलती है काश हम आज साथ होते मेने

क्या क्या नहीं सोचा था आज के दिन के लिए लेकिन तुमने तो मेरा प्यार के साथ सिर्फ खेल रहे थे । उधर आरव एयरोप्लेन अपने सीट पर

बेठते हुए निशा के बारे में सोचते हुए मन में बोलता है हैपी वैलाटाइन डे निशा मुझे पताहै आज के दिन मुझे तुम्हे खुश रखना चाहिए लेकिन

में तुम्हे दर्द देकर जा रहा हूं। फिर खिड़की मैं देखते हुए बोलता है अलविदा निशा प्लीज मुझे माफ कर देना । उड़ा निशा के आखों से

अचानक आसू हो सजता है निशा अपने दिल मैं हाथ रखकर बोलती है मुझे इतना बैचेनी क्यू महसूस हो रहा है ऐसा लग रहा है जैसे अपना

कोई दूर जा रहा वो फिर वो आसाम मैं देखते हुए बोलती है ये मेरे आखों मैं आसू इतना क्यू आ रहा है । फिर वो अपने दोस्तो को इस्कुज

करके बाथरूम मैं चली जाती हैं और उधर आरव का एयरोप्लेन भी अपनी उड़ान पकड़ लेता है ..........,


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© Mahiwriter