हाल ए दिल
दुनिया की रविश देखकर हैरान हूं बहुत
में अपनी जिंदगी पर पशेमान हूं बहुत
वो गैर था पर मेरे लिए सोचता तो था
अपने तो मेरे गम से अंजान थे बहुत
तन्हाइयों की कैद में मजलूम फंसे हम
बैचेन हैं,बेताब है परेशान हैं बहुत
© SYED KHALID QAIS
में अपनी जिंदगी पर पशेमान हूं बहुत
वो गैर था पर मेरे लिए सोचता तो था
अपने तो मेरे गम से अंजान थे बहुत
तन्हाइयों की कैद में मजलूम फंसे हम
बैचेन हैं,बेताब है परेशान हैं बहुत
© SYED KHALID QAIS
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