...

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Kashish...!!!
उन्हे शिकायत हे हम से हमें रिश्ता निभाना नही आता
हमें तो ये लगता हे की हमें गम छुपाना ही नहीं आता
बहुत कर चुके कोशिश सितमगर तुम्हे भुलाने की हम
सिने से लगा रक्खा हे जालीम तेरी हर चाहत को हमने
क्या करें अब और करम हम इस दिलं को मनाना भी नहीं आता
होश मे केसे रहे हम बता देख तेरी तस्वीर को हम
क्या सजा दे उन जामो को अब जिन्हे बहकना भी नहीं आता
अब तो है एक ही खुवाहिश
तू मर जाए भाड मे जाए

© 𝔩𝔬𝔱𝔲𝔰19.🪷