...

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एक सुंदर शाम लिखूं
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सुन्दर सी सुबह - शाम लिखूं,
उसमें खुदको तेरे नाम लिखूं;
सुंदर क्षण के गुणगान लिखूं,
हमारे रिश्ते के आयाम लिखूं।

मैं सिर्फ़ मान- सम्मान लिखूं,
कैसे उसका का नाम लिखूं;
कैसे कोई भी पहचान लिखूं,
सिर्फ़ रिश्ते के आयाम लिखूं।

सुन्दर सी सुबह- शाम लिखूं,
काल- चक्र का पंचांग लिखूं;
प्रणय - प्रीत- पावनता लिखूं,
उसकी मधुर- मृदुलता लिखूं।

तेरे कज्जली से कथा लिखूं;
माथ चंद्रिका बिंदिया लिखूं,
रुपहला आंचल छांव लिखूं;
या तेरी मेंहदी का रंग लिखूं।

कमल- अधर मधुरता लिखूं,
नैन भव सागर गहराई लिखूं,
तेरे अंतर्मन की व्यथा लिखूं,
ह्रदय मधुर भाव कथा लिखूं।

कैसे प्रेम पुष्प- पात पे लिखूं,
ह्रदय मिलन की बात लिखूं;
विह्रल
ह्रदय - विरह्र हालात लिखूं,
कैसे तेरी- मेरी हर बात लिखूं।


(Pic Source- Pinterest)
© Nik 🍁