"फ़क़ीर"
बेची खुद की तमाम
दौलत न बेचा मगर ज़मीर!!
जिनकी मोहब्बत में हम दर दर भटके
वो हमें भुला कर बन बैठे हैं अमीर!!
हमनें भी हंसकर सब-कुछ भुला दिया
बस खुदा के दर पर सर झुकाए और बन
बैठे एक फ़कीर!!
© Deepa🌿💙
दौलत न बेचा मगर ज़मीर!!
जिनकी मोहब्बत में हम दर दर भटके
वो हमें भुला कर बन बैठे हैं अमीर!!
हमनें भी हंसकर सब-कुछ भुला दिया
बस खुदा के दर पर सर झुकाए और बन
बैठे एक फ़कीर!!
© Deepa🌿💙
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