...

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मोहब्बत..
में उसके करीब आ ही रही थी
दुनिया में उसको बसा ही रही थी ।
मोहब्बत का इजहार करने की तरकीब बना ही रही थी ।
पर डर जाती थी ।
उसके दूर चले जाने से ।
उसकी मोहब्बत नहीं दोस्ती टूट जाने से ।
पर एक दिन हिम्मत जुटाई ।
में अपनी मोहब्बत का खत लेकर उसके पास आई ।
वो मुसकाया मेरा हाथ पकड़ा और जरा सा शरमाया ।
मेरी धड़कन तेज हुई और में उसके करीब हुई ।
कान में बोला मोहब्बत हुई है मुझे ।
एक हसीन ख्वाब से ।
एक सुलझी शाम से ।
एक नए राग से ।
किसी की उलझी जुल्फों से ।
और किसी की मुस्कुराहट से ।
उसने तस्वीर दिखाई ।
वो में नही कोई और उसकी मोहब्बत बन सामने आई ।
मेरा दिल थम गया ।
मेने अपना खत मुट्ठी में कस के पकड़ लिया ।
आंसू को आखों में कैद किया ।
और मुस्कुरा कर उसको भेज दिया ।

प्यार करना तो छोड़ नही पाई।
मोहब्बत के खातिर मोहब्बत को छोड़ दिया ।
हा अपनी मोहब्बत को छोड़ दिया।।

kajal Pathak..

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