...

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मासुम लड़की एक पहेली
PREEET

कौन कहता है कि लडकी अकेली है
बदनसीबी उसकी सहेली है
वक्त ने जख्म कभी भरे ही नही PREEET
यु ही बदनाम हाथ की हथेली है
ख्याब लडकी की आंखो मे सजा यूं हरदम
जैसे सजती कोई नई नवेली है
दिन महीने साल गुजर गए PREEET
जिन्दगी फिर भी एक पहेली है
कभी कभी पलटें पन्ने तो ऐसा लगे
जिन्दगी है खण्डहर या हवेली है
बन्धनो मे बंध कर रहती है
खुद से बहुत लड़की बहुत कुछ कहती है
दरद हजार PREEET वो सहती है
एक धारा सी वो बहती है
जिंदगी है उसकी काली छाया
कहाँ कोई रंगरेली है
💔
© आवारा पागल दीवाना