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Crazy Success
राही राहबर ढुंडने चलाथा
अपने को तलाशने चलाता
कहीं दिखी अहंकार की धुंआ
तो कहीं स्वाभीमान की चिख
चेहरे में चेहरा, ढुंडने में व्यस्त इतने
मुझे जताने में, दिखे जैसे घायल कितने
ज़माने ने कहा, अब बहुत हुआ,
बोल तेरी पहेचान क्या,
पहचान का क्या आचार डालना है,
कभी आग हुं, तो कभी पानी,
कभी बारिश की मस्त बौछार हुं,
कई कहगए, हार तु गया
वेशक सभी को हार दिखे,
पर इस हार मे भी,
जितने का ऐहसास हो गया
@heartly
© All Rights Reserved
अपने को तलाशने चलाता
कहीं दिखी अहंकार की धुंआ
तो कहीं स्वाभीमान की चिख
चेहरे में चेहरा, ढुंडने में व्यस्त इतने
मुझे जताने में, दिखे जैसे घायल कितने
ज़माने ने कहा, अब बहुत हुआ,
बोल तेरी पहेचान क्या,
पहचान का क्या आचार डालना है,
कभी आग हुं, तो कभी पानी,
कभी बारिश की मस्त बौछार हुं,
कई कहगए, हार तु गया
वेशक सभी को हार दिखे,
पर इस हार मे भी,
जितने का ऐहसास हो गया
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