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मोहब्बत (A)
नजरे बिछाकर हमने तुम से प्यार किया,
पलके उठा कर हमने तुमसे इकरार किया।
तुमने भी हम पर एतबार किया,
अपनी आंखों से हमें इजहार किया।
फिर कैसे ये दूरी आ गई,
फिर कैसे ये मजबूरी आ गई।
तुम! तुम न रहे,हम!हम न रहे,
ये कैसे हमारे बीच गहरी खामोशी आ गई।
तुम थे मजबूर,हम तुम्हें देख कर हो गये मजबूर,
ऐसे ही तुम हमसे एक दिन बहुत दूर हो गये।
फिर भी मोहब्बत तुमसे ही है,
हमारी आखिरी मोहब्बत तुम से ही है।
© Anu
पलके उठा कर हमने तुमसे इकरार किया।
तुमने भी हम पर एतबार किया,
अपनी आंखों से हमें इजहार किया।
फिर कैसे ये दूरी आ गई,
फिर कैसे ये मजबूरी आ गई।
तुम! तुम न रहे,हम!हम न रहे,
ये कैसे हमारे बीच गहरी खामोशी आ गई।
तुम थे मजबूर,हम तुम्हें देख कर हो गये मजबूर,
ऐसे ही तुम हमसे एक दिन बहुत दूर हो गये।
फिर भी मोहब्बत तुमसे ही है,
हमारी आखिरी मोहब्बत तुम से ही है।
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