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प्रकृति अनंत रुप
// #प्रकृति_अनंत_रुप //
प्रकृति के अनुरूप ढला जीवन का स्वरूप।
मुखमंडल छाया सुंदर प्राकृतिक रंग - रुप।।
कुसुमित सुंदर पुष्प सुगंध अंतर्मन स्नेह वन।
मयूर करे नृत्य पुलकित रोम- रोम तृण- मन।।
प्रकृति अनंत रुप अविरल कंण कंण परिवर्तित प्रारुप।
मोह माया स्वार्थ त्याग ओढ़ स्नेह प्रेम स्वछंद प्रकृति रुप।।
© Nik 🍁
प्रकृति के अनुरूप ढला जीवन का स्वरूप।
मुखमंडल छाया सुंदर प्राकृतिक रंग - रुप।।
कुसुमित सुंदर पुष्प सुगंध अंतर्मन स्नेह वन।
मयूर करे नृत्य पुलकित रोम- रोम तृण- मन।।
प्रकृति अनंत रुप अविरल कंण कंण परिवर्तित प्रारुप।
मोह माया स्वार्थ त्याग ओढ़ स्नेह प्रेम स्वछंद प्रकृति रुप।।
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