...

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जोगी बन चुके है हम🦋🎶
सुबह तो रोज़ सी थी
किसी का ख़्याल था
औऱ अधजगे से हम
खूबसूरत हो रही थी
दुनिया धीरे धीरे
फिर उठ गए हम

सवाल तो रोज़ सा था
क्या सच होती हैं मोहब्बत
औऱ संभले हुए थे हम
फिर दिल औऱ दिमाग़
दोनों ने कह दिया
जीने दो उसे उसके
खयाल में तुम इश्क़ से
ज़रा दूर रहना परी
औऱ ठहर गए हम

बबाल तो रोज़ सा था
जबाब देता कौन था?
औऱ शून्य से थे हम
अहसासों औऱ परिभाषाओ
के मद्देनजर मगरूर थे हम
होश ओ हवास में
तय कर लिया फिर
जिन्हें जरूरत हो वो
खुद ढूंढ ले हमें
हम जोगी बन बैठे है
चलो टूटने दो सारे भरम

© pari