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समय सारणी
// #समय_सारणी //
मैं और मेरी परछाई सिमटे से,
सागर तरनी सिमटी लहरों से;
समय सारणी जीवनी किस्से,
जगत समय सारणी के हिस्से।
चित्तवन चलत भावना लहर,
चितवन पहुंच मौन गयी ठहर,
नयन चलचित्र चले चारों पहर,
मन गीत कथा शाम-ओ-सहर।
पवन पावनी घुले सुर - संगीत,
ह्रदय -नीड़ बना बने मन गीत;
रक्त बन मौन बहे ह्रदय - प्रीत,
दृश्यम नभ बदरिया मन मीत।
मैं और मेरी
परछाई नयन खुलत करत भेंट,
बाग़ बग़ीचे विस्तृत चर्चा अनेक;
नित दिन संग शुरुआत प्रत्येक,
हम संग चले जीवन पथ हरेक।
दोनों सांझ ढले सिमट हुए एक,
चारु चंद्र किरण
विचार छू चित्त करें अभिषेक;
ह्रदय अतल सिमट गये सर्वश्रेष्ठ,
तरनी लहर
से भाव -मन- सागर लिये समेट।
© Nik 🍁
मैं और मेरी परछाई सिमटे से,
सागर तरनी सिमटी लहरों से;
समय सारणी जीवनी किस्से,
जगत समय सारणी के हिस्से।
चित्तवन चलत भावना लहर,
चितवन पहुंच मौन गयी ठहर,
नयन चलचित्र चले चारों पहर,
मन गीत कथा शाम-ओ-सहर।
पवन पावनी घुले सुर - संगीत,
ह्रदय -नीड़ बना बने मन गीत;
रक्त बन मौन बहे ह्रदय - प्रीत,
दृश्यम नभ बदरिया मन मीत।
मैं और मेरी
परछाई नयन खुलत करत भेंट,
बाग़ बग़ीचे विस्तृत चर्चा अनेक;
नित दिन संग शुरुआत प्रत्येक,
हम संग चले जीवन पथ हरेक।
दोनों सांझ ढले सिमट हुए एक,
चारु चंद्र किरण
विचार छू चित्त करें अभिषेक;
ह्रदय अतल सिमट गये सर्वश्रेष्ठ,
तरनी लहर
से भाव -मन- सागर लिये समेट।
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