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श्रेष्ठता की होड़
टीवी ने इतना
असमंजस मे डाल दिया
सब श्रेष्ठता की होड़ मे
पुरुष नारी एक दूसरे की
कॉपी करने लगे
कई अकेले जीवन बिता देते
इसका मतलब ये नहीं उन्हें
सहारे की जरूरत नहीं
मन को समझाना
किसी की जरूरत नहीं
पर कभी ना कभी
एक व्यक्ति की जरूरत होती
जो सुन सके हिम्मत दे सके
समाज पुरुष प्रधान नहीं
वो तो बस कुछ ने शुरू से
पुरुष प्रधान बताया समाज को
स्त्री हर क्षेत्र मे
पुरुष के बराबर या आने की कोशिश
पर किसी को कॉपी नहीं करना चाहिए
आज ये हो रहा
कुछ लाइक के लिए
उल्टे बनाने लगे
ये कोई पहचान नहीं
वो सिर्फ प्रदर्शन करते
नारी नारी को
पीछे करती
नारी ही नारी का
बुरा चाहे
ये हर जगह की नहीं
पर ये दुःखद है
क्या नारी
खुद को समझ पायी
क्या नारी के अपनों ने
साथ दिया
क्या बस
कॉपी करने पर ध्यान दिया
या पहचान बनाने पर ध्यान दिया
क्या पति पत्नी ने खुद को श्रेष्ठ समझा
या एक दूसरे को समझे
© ©मैं और मेरे अहसास
असमंजस मे डाल दिया
सब श्रेष्ठता की होड़ मे
पुरुष नारी एक दूसरे की
कॉपी करने लगे
कई अकेले जीवन बिता देते
इसका मतलब ये नहीं उन्हें
सहारे की जरूरत नहीं
मन को समझाना
किसी की जरूरत नहीं
पर कभी ना कभी
एक व्यक्ति की जरूरत होती
जो सुन सके हिम्मत दे सके
समाज पुरुष प्रधान नहीं
वो तो बस कुछ ने शुरू से
पुरुष प्रधान बताया समाज को
स्त्री हर क्षेत्र मे
पुरुष के बराबर या आने की कोशिश
पर किसी को कॉपी नहीं करना चाहिए
आज ये हो रहा
कुछ लाइक के लिए
उल्टे बनाने लगे
ये कोई पहचान नहीं
वो सिर्फ प्रदर्शन करते
नारी नारी को
पीछे करती
नारी ही नारी का
बुरा चाहे
ये हर जगह की नहीं
पर ये दुःखद है
क्या नारी
खुद को समझ पायी
क्या नारी के अपनों ने
साथ दिया
क्या बस
कॉपी करने पर ध्यान दिया
या पहचान बनाने पर ध्यान दिया
क्या पति पत्नी ने खुद को श्रेष्ठ समझा
या एक दूसरे को समझे
© ©मैं और मेरे अहसास
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