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"पाक एक कला"
भोजन पकाने का भी एक भाव होता है।
किंचित सूझबूझ और धैर्य से ही हर पाक
पूर्ण होता है।
कभी कोई त्रुटी रह जाए, तो अन्य मसालो
के मिश्रण से फिर इसमें स्वाद भरपूर आये।
प्रत्येक गृहणी में ये गुण अवश्य होता है कि
वो किसी भी भोजन में स्वाद कैसे लाएं।
फिर चाहे भोजन शाकाहार या मांसाहार वो बनायें।
© Deepa🌿💙
किंचित सूझबूझ और धैर्य से ही हर पाक
पूर्ण होता है।
कभी कोई त्रुटी रह जाए, तो अन्य मसालो
के मिश्रण से फिर इसमें स्वाद भरपूर आये।
प्रत्येक गृहणी में ये गुण अवश्य होता है कि
वो किसी भी भोजन में स्वाद कैसे लाएं।
फिर चाहे भोजन शाकाहार या मांसाहार वो बनायें।
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